- January 1, 2024
- Pandit Rishikesh Guruji
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कालसर्प दोष के उपाय:
कालसर्प दोष भी कालसर्प योग का एक प्रकार है।
यह सबसे बुरी ज्योतिषीय स्थिति में से एक है
जो किसी के जीवन में बहुत बुरी किस्मत ला सकती है।
यह तब होता है जब सभी सात आवश्यक ग्रह राहु और केतु के मध्य में मौजूद होते हैं।
राहु सांप का सिर है और केतु सांप की पूंछ को दर्शाता है।
किसी एक की कुंडली में इस योग के होने से व्यक्ति के जीवन पर कुछ बुरे परिणाम हो सकते हैं।
ज्योतिष के अनुसार कालसर्प दोष किसी जातक की कुंडली में राहु एवं केतु की वह स्थिति है जिसमें कुंडली में उपस्थित अन्य ग्रह इन दोनों के बीच में फंस जाते हैं। कुंडली में ग्रहों की स्थिति के योग को कालसर्प योग कहते हैं।
एवं इस योग के कारण जो दोष उत्पन्न होता है उसे कालसर्प दोष कहते हैं। कालसर्प दोष किसी भी जातक की कुंडली में हो सकता है। कालसर्प दोष ग्रहों की स्थिति के कारण पूर्ण या आंशिक रूप से हो सकता है। राहु एवं केतु गुण एवं अवगुण शनि के समान होते हैं।
यह भी शनि के समान अपना प्रभाव व्यक्ति के जीवन में डालते हैं। यह प्रभाव लाभदायक एवं कष्टकारी दोनों प्रकार से हो सकता है। यह ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है।
यह माना जाता है कि कालसर्प योग जो कुंडली में उत्पन्न होता है वह जातक के पूर्व जन्मों के जघन्य अपराधों के दंड या शाप के रूप में उत्पन्न होता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति एवं राशि के अनुसार यह मुख्यतः 12 प्रकार के होते हैं।
- अनंत कालसर्प दोष
- कुलिक कालसर्प दोष
- वासुकी कालसर्प दोष
- शंखपाल कालसर्प दोष
- पदम कालसर्प दोष
- महापदम कालसर्प दोष
- तक्षक कालसर्प दोष
- कर्कोटक कालसर्प दोष
- शंखनाद कालसर्प दोष
- घटक कालसर्प दोष
- विशद कालसर्प दोष
- शेषनाग कालसर्प दोष
कालसर्प दोष के जातक के जीवन में दुष्प्रभाव
कुंडली में कालसर्प दोष की स्थिति उत्पन्न होने पर मुख्यतः इस दोष के दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं। यदि किसी जातक की कुंडली में यह दोष उत्पन्न हो जाता है तो उस जातक के विवाह में रुकावट या अड़चनें आती हैं।
जातक का विवाह नहीं हो पाता है। यदि किसी प्रकार विवाह संपन्न हो जाए तो जातक वैवाहिक सुख को अधिक समय तक नहीं भोग पाता है और उसका वैवाहिक जीवन संकट में आ जाता है।
यदि बाल्यकाल में यह दोष उत्पन्न हो तो जातक को विद्या अध्ययन में अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जातक का विद्या अध्ययन किसी न किसी व्यवधान के कारण रुक जाता है।
यह भी देखने को मिलता है किजातक धनाढ्य कुल में जन्म लेने के पश्च्यात भी उसे धन के लिए जीवन भर जूझना पड़ता है। अत्यधिक संघर्ष के पश्चात भी उसे धनकी प्राप्ति नहीं होती है।
कालसर्प दोष से ग्रसित होने के कारण जातक अत्यधिक श्रम करने के पश्चात भी मन वांछित फल प्राप्त नहीं कर पाता है। दिन रात एक कर मेहनत करने के पश्चात भी उसे उसके परिश्रम के अनुरूप फल प्राप्त नहीं होता है।
कालसर्प दोष के उपाय
कालसर्प दोष के परिणाम बहुत खतरनाक हो सकते हैं।
साथ ही, यह व्यक्ति के जीवन को आर्थिक, पेशेवर, व्यक्तिगत, मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
लेकिन कालसर्प योग के लिए कुछ अच्छे उपाय मौजूद हैं।
दूसरे शब्दों में, व्यक्ति को कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों
को कम करने के लिए इन उपायों का पालन करना चाहिए।
- नाग देवता की प्रार्थना करनी चाहिए। यह भी कालसर्प योग का एक उपाय है। इसलिए व्यक्ति को प्रत्येक रविवार और पंचमी तिथि को नागराजा और अन्य सभी नाग देवताओं की पूजा करनी चाहिए।
- ‘ओम नमः शिवाय ’मंत्र का पाठ करें। यह सबसे सरल और सबसे पसंदीदा कालसर्प दोष उपचारों में से एक है। व्यक्ति दिन में 108 बार पंचाक्षर मंत्र का भी पाठ कर सकता है। यह आपको कालसर्प योग के कारण जीवन में आने वाली सभी समस्याओं पर विजय प्राप्त करने में मदद करेगा।
- व्यक्ति को पवित्र स्थान पर जाना चाहिए। यह राहु और केतु के लिए सबसे अच्छा उपाय है। व्यक्ति को ऐसे पवित्र स्थानों पर जाना चाहिए जो कालसर्प दोष वाले लोगों के लिए उपयोगी हैं। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु के रामेश्वरम मंदिर में एक पवित्र स्नान करना। पूर्वजों के लिए प्रार्थना। इससे पितृ दोष की समस्या दूर होगी, यदि वह कालसर्प दोष की वजह से हो। इसके अलावा, उज्जैन में महाकालेश्वर, आंध्र प्रदेश में कालाहस्ती, नासिक में त्र्यंबकेश्वर जैसे मंदिरों में जाना। वहां भगवान शिव की पूजा करें। इन उपायों से काल सर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों से बड़ी मात्रा में राहत मिल सकती है।
- महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें: महामृत्युंजय मंत्र का एक दिन में 108 बार पाठ करें।
- यह इस दोष के बुरे परिणामों को समाप्त कर सकता है। यह सबसे अच्छा सर्प दोष उपचार है
काल सर्प दोष का निवारण
- आपको भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। दूध और अभिषेक के साथ भगवान शिव की पूजा करें। यह उस परेशान व्यक्ति के लिए सबसे अच्छा परिणाम दे सकता है, जिसकी कुंडली में कालसर्प दोष हो । साथ ही, लोगों को प्रत्येक सोमवार को दूध, फूल और बेर के साथ मंदिर में शिव पूजा करनी चाहिए। बाद में, उन्हें लाचार लोगों और गरीबों को भोजन और कपड़े देने चाहिए। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से बड़े पैमाने पर अच्छे परिणाम सामने आ सकते हैं। यह कालसर्प योग के लिए एक आसान उपाय है।
- गायत्री मंत्र का पाठ करें। यह भी कालसर्प योग के लिए एक अच्छे उपाय में से एक है। व्यक्ति को दिन में 21 बार या 108 बार गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए। आपको जल्दी उठना चाहिए, स्नान करना चाहिए और फिर सूर्य की ओर मुख करके इस मंत्र का पाठ करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग ठीक से पाठ करते हैं, उनके जीवन में सभी खुशियां आती हैं ।
- आपको नटराज की पूजा करनी चाहिए। वे भगवान शिव का नृत्य अवतार है। षष्ठी पर शांति पूजा करना भी महापद्म काल सर्प दोष के निवारणों में से एक है।
- आपको नाग पंचमी पर उपवास करना चाहिए। नाग पंचमी पर सही से उपवास करना राहु और केतु के लिए एक उच्चतम उपचार है|
- राहु के लिए दिन में 108 बार बीज मंत्र का पाठ करें। हाथ में एक अगेट रखें। यह तक्षक कालसर्प दोष हेतु सबसे सरल उपाय है। यह राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करेगा।
- सुनिश्चित करें कि आप सांप या किसी अन्य सरीसृप को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। हर शततिथि पर, कम से कम 21 बार नाग के नौ नामों का पाठ करें।
कुंडली में काल सर्प योग का प्रभावी उपाय
- कालसर्प दोष पूजा कालसर्प दोष हेतु सबसे प्रभावी उपाय है।
- यह इस दोष के प्रभाव को समाप्त कर सकता है।
- यह पूजा भगवान शिव के मंदिरों में की जाती है
- और विशेष रूप से यह पूजा विशेषज्ञ पुजारियों द्वारा त्र्यंबकेश्वर मंदिर में की जाती है ।
- इस पूजा से आपको बहुत बड़ी राहत मिल सकती है।
इस प्रकार कुछ उपाय करके आप कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। इस विषय में विशेष जानकारी प्राप्त करने के लिए आप पंडितजी से संपर्क कर सकते हैं। वह आपके सभी समस्याओं का समाधान अवश्य करेंगे। पंडितजी से आप अपनी कुंडली भेज कर एकदम निशुल्क जानकारी ले सकते है | पंडित जी आपको आपकी सुविधा एवं कुंडली केअनुसार इस पूजा के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे और आपकी राय के अनुसार आपके लिए इस पूजा का त्र्यंबकेश्वर मंदिर में व्यवस्था भी करेंगे |