- January 1, 2024
- Pandit Rishikesh Guruji
- 0
कालसर्प पूजा सर्वोत्तम पंडित :
कालसर्प योग किसी जातक की कुंडली में उत्पन्न वह योग है जो उसके पूर्व जन्म के जघन्य अपराधों के दंड या शाप के रूप में उसकी कुंडली में उत्पन्न होता है ऐसा हिंदू धर्म शास्त्रों में उल्लेखित है।
दरअसल यह ऐसा योग है जिसमें नवग्रहों में से राहु एवं केतु के मध्य में अन्य सभी ग्रह आ जाते हैं और राहु एवं केतु अपना प्रभाव अन्य ग्रहों पर डालते हैं जोकि किसी मनुष्य के जीवन में बहुत ज्यादा प्रभावी होते हैं।
राहु एवं केतु के जो गुण हैं वह शनि की तरह होते हैं और मनुष्य के जीवन में भी शनि ग्रह की तरह ही अपना प्रभाव छोड़ते हैं। राहु एवं केतु इन दोनों ग्रहों को किसी भी राशि कास्वामित्व प्राप्त नहीं है परंतु यह ग्रह जिस किसी भी व्यक्ति की कुंडली के जिस घर में भी विराजमान हो जाते हैं तो वहां उसके संपूर्ण स्वामित्व को प्राप्त कर लेते हैं।
कालसर्प पूजा हेतु सर्वोत्तम पंडित
उसके जीवन में संतानों के प्रति अनेकों कष्ट होते हैं या उसे संतान प्राप्त नहीं हो पाती है। इस योग के कारण उस मनुष्य के जीवन में संतानों का विरोध, शारीरिक दुर्बलता, शारीरिक विकलांगता ,मानसिक दुर्बलता, व्यवसाय में व्यवधान, शादी एवं विवाह में अड़चनें तथा रोज-रोज की गृह कलह देखने को आती है।
जिस व्यक्ति की कुंडली में यह कालसर्प योग होता है वह व्यक्ति नौकरी से बहुत परेशान होता है| वह कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं कर पाता है। उस व्यक्ति को किसी भी तरह से मानसिक शांति प्राप्त नहीं हो पाती है। उसे जीवन में धनी कुल में जन्म लेने के पश्चात भी हमेशा धन के अभाव में ही जीना पड़ता है।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर में कालसर्प पूजा
नासिक में मुख्य रूप से एकमात्र त्र्यंबकेश्वर मंदिरही है जहां पर कालसर्प योग दोष पूजा होती है । त्र्यंबकेश्वर मंदिर भगवान शिव का काले पत्थरों से बना हुआ एक प्राचीन मंदिर है ।त्र्यंबकेश्वर, त्रिंबक शहर का एक प्राचीन हिंदू मंदिर है जो भारत के महाराष्ट्र राज्य के नासिक शहर से लगभग 32 किलोमीटर दूर है।यह धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से 1 ज्योतिर्लिंग माना जाता है जो कि ब्रम्हगिरी पहाड़ियों की तलहटी में बसा हुआ गोदावरी नदी के तट पर स्थापित ज्योतिर्लिंग है ।
यह मंदिर हिन्दू श्रद्धा और आस्था का एक बहुत बड़ा केन्द्र है। इसमें भगवान शिव महामृत्युंजय त्र्यंबकेश्वर की पूजा की जाती है। इसमें पूजा घर काफी बड़ा है , जिसमे कालसर्प दोष के जातक परिवार के सभी सदस्य या अन्य समूहों में पूजा-अर्चना करते हैं।
पंडित मंत्रों का जाप करते हैं तथा जातक पूजा में विलीन होकर उन मंत्रों में खुद को समाहित करते हैं। जातक के जीवन में कालसर्प दोष का प्रभाव ४९ साल तकबना रहता है। कभी-कभी यह जीवन भर भी रहता है।दोस्तों यह कालसर्प योग दोष पूजा 3 घंटे का पूजन होता है जो कि विशेष तिथि पर संपन्न होता है । त्र्यंबकेश्वर मंदिर में देश विदेशों से अनेकों जातक कालसर्प दोष की शांति के लिए पूजा कराने के लिए आते हैं|
त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दर्शन समय
त्र्यंबकेश्वर मंदिर में सामान्य दर्शन समय – सुबह 5: 30 से रात्रि के 9: 00 बजेतक
विशिष्ट पूजा – प्रातः 7: 00 बजेसे प्रातः 9: 00 बजेतक
दोपहर की पूजा – दोपहर 1: 00 बजेसे 1: 30 तक
कालसर्प दोष पूजन के लिए आप को प्रातः 6: 00 बजे से पहले मंदिर आना होता है तथा गोदावरी नदी में पवित्र स्नान कर भगवान त्रम्ब्केश्वर महादेव की पूजाअर्चना करनी होती है। ततपश्चात कालसर्प दोष शांति पूजा की जाती है।
कालसर्प पूजा सर्वोत्तम पंडित
इस पूजा में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होता है जो कि निम्नप्रकार से है ।
- इस पूजा में पहले सिर से पैर तक गोदावरी नदी में पवित्र स्नान होता है।
- इस पूजा के लिए पहले अपने पंडित से योजना अवश्य बना ले ।
- आदमी जातक एकअंडरवियर ,एक बनियान, एक कुर्ताऔर एक धोतीअपने पास अवश्य रखें यह सभी नए हों।
- महिला जातक एक साड़ी, एक ब्लाउज, एक पेटिकोट और एक रुमाल अपने पास अवश्य रखें ।
- यह नए कपड़े होने चाहिए तथा काले या हरे रंग के नहीं होने चाहिए।
- पूजा समाप्त होने के बाद कपड़े त्र्यंबकेश्वर पर ही छोड़ कर जाना चाहिए।आप उन्हें घर पर नहीं ले जा सकते हैं ।
- असुविधा से बचने के लिए पंडित से अपना नाम, दिनांकऔर मोबाइल नंबर आदान प्रदान कर ले।
- भक्त विधि से 1 दिन पहले त्र्यंबकेश्वर पहुंच कर अपने लिए कमरा बुक कर ले । जिससे दूसरे दिन होने वाली असुविधा से बचा जा सकता है।
कालसर्प पूजा हेतु सर्वोत्तम पंडित
देखने में आया है कि कई लोग जो कि कालसर्प योग से पीड़ित होते हैं, कालसर्प दोष की शांति के लिए त्र्यंबकेश्वर में आना चाहते हैं,इनको कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।किंतु सही संपर्क सूत्र न मिलने के कारण,कुछ असामाजिक तत्व ऐसे लोगों को भ्रमित कर सकते हैं।अपनी कुंडली को इस पूजाके विद्वान पंडितजी के साथ साझा कर सकते है और इस विषय पर विस्तार से एकदम निशुल्क चर्चा कर सकते हैं | त्रिंबकेश्वर में कालसर्प योग पूजा हेतु आप वेद शास्त्र संपन्न पंडितजी से संपर्क कर सकते हैं। कालसर्प पूजा सर्वोत्तम पंडितजी के परिवार को पिछले 120 वर्षों से त्र्यंबकेश्वर मंदिर में कालसर्प निवारण पूजा का अनुभव है। पंडितजी को 22 हजार से ज्यादा कालसर्प पूजन का विशेष अनुभव प्राप्त है। पंडितजी द्वारा यजमानों को शत प्रतिशत संतुष्टि दी गई है।